प्रश्न पूछने व उनके हल ढूंढने की प्रक्रिया निरन्तर जारी रहनी चाहिए – डॉ विजय विशाल



किरण राही/मंडी।



हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में अध्ययनरत एम बी ए (ग्रामीण विकास) के प्रथम समेस्टर के छात्रों की दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला तकनीकी विकास समिति मण्डी के सहयोग से नगवाईं में आरम्भ हुई। इस कार्यशाला में 34 छात्र भाग ले रहे हैं। उदघाटन सत्र में तकनीकी विकास समिति के सचिव जोगिंदर वालिया ने इस दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआती विस्तृत रूपरेखा से प्रतिभागियों को अवगत करवाया। उन्होंने जानकारी दी कि इस दस दिवसीय कार्यशाला में कब-कब कौन विषय विशेषज्ञ स्रोत व्यक्ति के रूप में भाग लेंगे तथा कहाँ-कहाँ फ़ील्ड-विजिट करवाया जाएगा।


जिसमें कृषि विज्ञान केंद्र, बजौरा, क्षेत्रीय फल उत्पादन केंद्र बजौरा, अप्पर वैली फॉर्मर प्रड्यूसर कम्पनी कुल्लू, भूटीको हस्तशिल्प संगठन,भुंतर, सोसायटी फ़ॉर फार्मर टलाह के साथ- साथ ग्रामीण उत्पाद व हस्तकला में सक्रिय विभीन्न स्वयं सहायता समूहों का भ्रमण करके उनकी की गतिविधियों से अवगत करवाया जाएगा। साथ ही जिला प्रबंधक नाबार्ड कुल्लू के साथ बैठक करके जिला में चल रही ग्रामीण विकास योजनाओं की जानकारी ली जाएगी।


इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष डॉ विजय विशाल ने उपस्थित प्रतिभागियों का औपचारिक स्वागत करते हुए उनसे आह्वाहन किया कि ऐसी कार्यशालाओं में प्रश्न पूछने व उनके हल ढूंढने की प्रक्रिया निरन्तर जारी रहनी चाहिए।

प्रथम सत्र में मुख्य स्रोत व्यक्ति के रूप में यूएनडीपी के सलाहकार अभिषेक ने ग्रामीण विकास की अवधारणा को लेकर प्रतिभागियों से लम्बी चर्चा की।
प्रथम दिन के दूसरे सत्र में पद्मश्री नेकराम शर्मा ने जैविक खेती में सामुदायिक भागीदारी को लेकर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। तथा आवाह्न किया कि ग्रामीण समाज के अधिक से अधिक लोग इसमें अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

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