राजबन गांव में सर्च अभियान क्लोज नहीं लगा लापता हरदेव का कोई पता



किरण राही/पधर (मंडी)।



राजबन में 10 दिनों तक त्रासदी के लापता लोगों को ढूंढने के लिए चला सर्च अभियान शुक्रवार को समास हो गया। एनडीआरएफ की टीम अभियान को पूरा कर लौट गई। लापता हरदेव सिंह को ढूंढने के लिए राजबन गांव से नीचे ऊहल नदी तक शुक्रवार को सर्च अभियान चलाया गया।

हरदेव का श**व बरामद नहीं हो सका। एसडीआरएफ की टीम राजबन गांव में ही डटी है जो शनिवार को लौटेगी। पुलिस और मेडीकल विभाग की डाक्टरों की टीम गांव से लौट गई है। राजबन त्रासदी में 10 लोग लापता हुए थे। इनमें बच्चों सहित 9 लोगों के श**व सर्च अभियान के दौरान बरामद हो गए थे। हरदेव की तलाश के लिए राजबन गांव से लेकर उहल नदी तक चप्पा चप्पा छान मारा।

लेकिन कोई पता नहीं चल सका। अनुमान लगाया जा रहा है कि हरदेव घटना वाले दिन उफनते नाले में वह गया हो। श**व नहीं मिलने से  गीता देवी दुखी है। सर्च अभियान के लिए लगी फोकलेन मशीन गांव को जाने वाली थल्टूखोड-ग्रामण- पजाँड सड़क की मुरम्मत करेगी। सड़क के ठीक होने पर मार्ग में फंसे वाहन बाहर निकल पाएंगे।

निगम की ग्रामृण में फंसी बस को निकाल दिया गया है। राजवन गांव में सर्च अभियान समाप्त होने के बाद प्रशासन के बड़े अधिकारी भी पधर लौट गए। प्रभावित परिवारों को प्रशासन जल्द ही आवासीय सहित अन्य सुविधा प्रदान करेगा। मृ*तकों के परिजनों को चार चार लाख की राहत राशि जारी कर दी है।

प्रभावित परिवारों के पुर्नवास के लिए सरकार की ओर से वितीय राशि सहित हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। एनडीआरएफ के टीम लीडर नीरज भारती ने बताया कि लापता हरदेव सिंह को ढूंढने के लिए तीन दिन तक अतिरिक्त अभियान चलाया गया, लेकिन कोई कामयाबी हासिल नहीं हो सकी। शुक्रवार को एसडीएम पधर के माध्यम से उपायुक्त मंडी को पूरी रिपोट देने के उपरांत सर्च अभियान को क्लोज कर दिया गया।

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