अपने कर्ता भाव को दूर कर ,सत्संग का सहारा लेकर राम नाम का जाप करें,तभी कल्याण संभव –  स्वामी प्रेमानंद




श्री गोविंद जीवन आश्रम परौर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया ।प्रातः कालीन सत्र में सेवा एवं दूसरे सत्र में सत्संग का आयोजन किया गया।


आश्रम के सेवक कैलाश शास्त्री एवं अंशुल शास्त्री ने जानकारी देते हुए बताया कि सत्संग में श्री कृष्ण झूला झुलाया गया एवं मुख्य वक्ताओं में विजय गुप्ता, राजीव ठाकुर , रमेश भाई ने श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व आध्यात्मिक रूप से वर्णन किया ।

तत्पश्चात आश्रम के पीठाधीश्वर  स्वामी प्रेमानंद ने आए हुए भक्तों , गुरु भाई बहनों को प्रवचन करते हुए  कहा कि सत्संग का ख्याल अगर हमारे मन में आ जाए तो याद रखना की यही ख्याल हमारा परिपक्व होकर राम नाम में रुचि देने वाला होगा । हम सब संसार में कोशिश करते है तो हमारा संसार सुखी होता है। यदि हम आध्यात्मिक रुचि रखेंगे तो हमारा परलोक भी सुखी होगा ।

सभी को राम नाम का आश्रय लेना चाहिए ।हम क्या देखते है किस में आकर्षण होता है वह आत्मा के द्वारा ही होता है। उस आत्म रूपी ज्योति का अनुभव करना है तभी हमें जागृति हो सकेगी । जिसने अपने आप को जगाया है वह शक्ति पुंज बन जाता है।

जैसे यशोदा ने श्री कृष्ण को बांधने का प्रयास किया था लेकिन बांध नही पाई थी जब कर्ता भाव खत्म होकर समर्पण भाव आया तब भगवान स्वयं पास आते है। हमें अपने कर्ता भाव को , विकारों को दूर करना चाहिए । हम देहात्म में ना जाकर उस श्री कृष्ण यानी परमात्म रूप में ध्यान लगावें।
जो श्रद्धाभाव रखता है तभी भजन कीर्तन ,कथा में रस आता है।


इस अवसर पर रमेश भाई, विजय गुप्ता , राजीव ठाकुर , कैलाश शास्त्री, अंशुल शास्त्री एवं अन्य गुरु भाई बहन सहित श्री गोविंद जीवन संस्कृत महाविद्यालय परौर के विद्यार्थी मौजूद रहे ।

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