राजकीय महाविद्यालय ढलियारा का नामकरण संस्थापक चौधरी केशो दास के नाम से होने की दिशा में शुरू हुई कदमताल-


जिलाधीश कांगड़ा ने दिया भरोसा कॉलेज प्रबंधन के प्रस्ताब का अनुमोदन किया जाएगा-


देहरा, 22 मार्च ():जिला कांगड़ा का दूसरा सबसे बड़ा महाविद्यालय  ढलियारा की स्थापना उस समय क्षेत्र में हुई थी जब उच्चशिक्षा के लिए इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी ।लेकिन इस कल्पना को साकार करने का बीड़ा एक ऐसी शख्सियत ने उठाया था जिनका नाम था स्व. चौधरी केशो दास जोकि ब्रह्द पठानकोट से विधायक भी रहे थे मगर उन्होंने इतनी भू व्यबस्था का इंतजाम तो किया ही वहींअपनी ओर से इस महाविद्यालय को शुरू करने हेतु धनराशि का भी योगदान दिया।सचमुच ऐसी महान शख्सियत को भूल जाना कभी भी सम्भव नहीं हो सकता ।


  लेकिन क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग को स्व केशो दास के नाम का  ढलियारा महाविद्यालय से उस समय हटाना जब शिक्षण संस्थान का सरकारीकरण किया लगातार अखरता रहा।विगत दिवस उक्त महाविद्यालय के वार्षिक पारितोषिक समारोह के अबसर पर जिसमें जिलाधीश कांगड़ा हेमचन्द वैरवा बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए के समक्ष महाविद्यालय का नामकरण इस संस्था के संस्थापक चौधरी केशो दास के नाम से करने की मांग उठी जिसमे ओल्ड स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष महिंदर ठाकुर ,इस महाविद्यालय के पहले अधीक्षक व बर्तमान में बहुत सी संस्थाओं से जुड़ी शख्सियत एस एस स्पेहिया ,छात्र अभिवावक संघ पदाधिकारी व अन्य सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल रहे  जिलाधीश महोदय से आग्रह किया और इस अबसर पर ढलियारा महाविद्यालय की प्राचार्या अंजू रानी चौहान ने न केवल अपने भाषण में उस महान व्यक्तित्व को याद किया बल्कि उन्हें भावनात्मक तरीके से अपनी श्रद्धांजलि भी दी।

अपने जवाब में जिलाधीश कांगड़ा वैरवा ने इस मांग को लेकर आश्वस्त किया कि आप अपना एक प्रस्ताव बनाकर हमें भेजें  हम सरकार को प्रेषित कर देंगे।जिलाधीश कांगड़ा ने बड़ी साफगोई से कहा कि हालांकि ऐसे मामले सरकार के अधिकारक्षेत्र में ही होते हैं मगर जनभावनाओं को माननीय मुख्यमंत्री को भेजना भी हमारा दायित्व बनता है जो हम अदा करेंगे।

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