प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 1078 किसानों को मिला 57 लाख रुपये का राहत मुआवजा – राजेश धर्माणी


अंशुल शर्मा।ब्यूरो।बिलासपुर

नगर नियोजक, आवास, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्मानी ने आज कृषि विभाग के तहत पिछले दो वर्षों में किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला बिलासपुर में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 1078 किसानों को हिमाचल प्रदेश सरकार ने राहत मैन्युअल में बदलाव करते हुए 57 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान बाढ़ से प्रभावित कृषि भूमि के लिए मात्र 1400 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था। इसे वर्तमान सरकार ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में बढ़ाकर 5000 रुपये प्रति बीघा कर दिया है। इसी प्रकार, कृषि और बागवानी योग्य भूमि को नुकसान होने पर पहले 3600 रुपये प्रति बीघा की आर्थिक मदद दी जाती थी, जिसे अब 10,000 रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है। फसल क्षति पर मिलने वाला मुआवजा भी 300 से 500 रुपये प्रति बीघा से बढ़ाकर 2000 रुपये प्रति बीघा किया गया है।

सिंचाई सुविधाओं का विस्तार

राजेश धर्मानी ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा लघु सिंचाई योजनाओं, जल भंडारण संरचना और टांका निर्माण जैसे प्रयासों से 230.63 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा के तहत लाया गया है। उन्होंने कहा कि जिला बिलासपुर में सिंचाई सुविधाओं के विस्तार के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है।

हिम उन्नति योजना से किसानों को लाभ

कृषि उत्पादन बढ़ाने और फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल सरकार ने हिम उन्नति योजना शुरू की है। इस योजना के तहत जिला में 72 क्लस्टर बनाए गए हैं। प्रत्येक क्लस्टर में कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने और नई तकनीकों को अपनाने के लिए 10 लाख रुपये व्यय किए जा रहे हैं।

कृषि उपकरण और सब्सिडी योजनाएं

मुख्यमंत्री कृषि सर्वधन योजना के तहत सुधरे बीज और खाद पर सब्सिडी दी जा रही है। पिछले दो वर्षों में 5 करोड़ रुपये से अधिक की राशि व्यय की गई है, जिससे फसल उत्पादन में 5 से 10 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि किसानों को 38 ट्रैक्टर, 116 पावर वीडर व टिलर, 300 टूल किट और 1650 चारा काटने की मशीनें 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराई गई हैं। इन पर 157.29 लाख रुपये व्यय किए गए हैं।

जंगली जानवरों से सुरक्षा

फसलों को जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से बचाने के लिए 151 किसानों के खेतों में वाड़बंदी की गई, जिस पर 390.57 लाख रुपये खर्च किए गए। इसके परिणामस्वरूप, ऐसे क्षेत्र जहां किसान फसल लगाना छोड़ चुके थे, वहां पुनः खेती शुरू हो गई है।

किसानों को दुर्घटना सुरक्षा

कृषि उपकरणों के उपयोग के दौरान किसानों के घायल होने या मृत्यु की स्थिति में मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना के तहत पिछले दो वर्षों में 13 किसानों को 6.50 लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने और फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी क्षेत्र के विकास में सरकार की यह नीतियां किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।

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