ब्यूरो।मंडी।
मंडी-पठानकोट एनएच पर गुम्मा के समीप खानी नाला के पास पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। यहां रविवार तड़के मंडी से चंबा जा रही एचआरटीसी की चंबा डिपो की बस सड़क में आए मलबे में फंस गई।
निगम के चालक की लापरवाही की वजह से बस में सवार यात्रियों की सांसें अटक गईं। इसी मार्ग पर कोटरोपी में पांच साल पहले भयानक त्रासदी आई थी, जिसमें दो बसेंमलबे की चपेट में आ गई थीं व करीब 48 लोगों की मौत हो गई थी।
मार्ग बंद होने पर दोनों तरफ दो किलोमीटर से भी ज्यादा लंबी वाहनों की कतारें लग गईं। सैकड़ों यात्री जाम में फंस गए, जिससे आम यात्रियों सहित पर्यटकों को परेशान होना पड़ा। रविवार को टेट की परीक्षा देने मंडी जा रहे परीक्षार्थी भी खासे परेशान हुए।
बंद मार्ग को बहाल करने के लिए घटनास्थल पर दो जेसीबी मशीनें लाई गईं। लेकिन दलदल में फंसी निगम की बस को निकालने के लिए ही दो घंटे से ज्यादा समय लग गया। जेसीबी मशीन के सहारे बस को निकाला गया।
यात्रियों के मुताबिक सुबह चार बजे से बंद मार्ग नौ बजे पांच घंटे बाद यातायात के लिए बहाल हो पाया।
यात्री में रमेश कुमार, शेर सिंह, नरेश कुमार, दीपक और संजय कुमार ने बताया कि निगम के चालक ने लापरवाही न की होती तो लंबा जाम न लगता। सामने भारी भरकम मलबा और पत्थर देखने के बावजूद निगम के चालक ने कोताही बरतते हुए मलबे के ऊपर से बस निकालने की कोशिश की। जिससे बस फंसने से जाम ज्यादा बढ़ गया। बस को जेसीबी के सहारे निकालने के बाद ही बंद मार्ग को बहाल करने का कार्य शुरू हो पाया।
बता दें कि मंडी-पठानकोट एनएच अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधीन है। ऐसे में मार्ग की देखरेख के लिए मजदूर तक तैनात नहीं हैं। मार्ग बंद होने की दिशा में एनएचएआई ठेकेदार के माध्यम से मशीनरी तैनात की है।
एनएचएआई के साइट इंजीनियर साहिल जोशी ने कहा बंद मार्ग को बहाल कर दिया है। निगम के चालक की लापरवाही की वजह से मार्ग ज्यादा समय तक बंद रहा।