किरण /पधर ( मंडी )
दो दिन से लगातार हो रही भारी मुश्लाधार वर्षा ने समूचे पधर उपमंडल में खूब तबाही मचाई।
शुक्रवार रात को नेशनल हाइवे मंडी पधर के बीच साहल नाले में आई बाढ़ से एक बड़ा हादसा टल गया। यहां गरलोग मार्ग पर दो और नेशनल हाइवे का एक कलर्वट चोक हो गया। नाले में आई बाढ़ में एक टैक्सी कार बह गई। उसमें सवार यात्रियों ने रात को भाग कर अपनी जान बचाई।
जेसीबी की मदद से कार को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास बेसक सफल रहे लेकिन कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। शुक्रवार रात करीब डेढ़ बचे एचआरटीसी की चंबा मनाली बस यहां नाले के दलदल में फंस गई। चालक ने होशियारी दिखाते हुए बस को यात्रियों सहित सुरक्षित कर दिया। बस में सवार बीस यात्रियों को बस के भीतर रात गुजारनी पड़ी। शनिवार सुबह साहल और गदयाड़ा गांव के लोगों ने सभी के खानपान की व्यवस्था की। एसडीएम पधर संजीत सिंह ठाकुर ने कई स्थानों का दौरा कर नुकसान का स्वयं जायजा लिया। उन्होंने कहा कि उपमंडल में हाइवे सहित अन्य मार्गों को खोलने के प्रयास निरंतर जारी रखे हुए हैं।
क्षेत्र में विद्युत आपूर्ती 12 घंटे ठप रही। दर्जनों गांवों की पेयजल आपूर्ती ठप पड़ गई है। नेशनल हाइवे मंडी पठानकोट पर मैगल, टांडू, साहल, नारला, पधर, पधर घोघरधार चौक, रेस्ट हाउस के समीप डलाह, कोटरोपि त्रासदी स्थल, उरला तालगहर से लेकर घटासनी तक लगभग 50 किलोमीटर हाइवे पर जगह जगह ल्हासे गिरने, मलबा, चट्टाने और दर्जनों चील के पेड़ जड़पट होने से हाइवे लगभग 12 घंटों से बंद है। बरोट और चौहारघाटी क्षेत्र को जाने वाली तमाम सडक़ें बंद हो गई है। पधर नौहली जोगिंदरनगर रोड़ दो दिनों से बंद है। कुन्नू नाले में बाढ़ आने से कुन्नू पुल से निचले कुन्नू को जाने वाला रोड़ नाले के पानी में समा गया। यहां लाखों का नुकसान सडक़ का हुआ बताया जा रहा है। इलाका दूंधा की ग्राम पंचायत कुफरी की हरीजन बस्ती रोपड़ू में भी बरसात ने खूब कहर बरपाया। गांव के ग्रामीणों ने सुरक्षित स्थान पर सामुहिक रूप से शुक्रवार की रात दहशत में बिताई। पवन भारती ने बताया कि बरसात ने ग्रामीणों के रिहायशी मकानों में खूब तबाही मचाई। क्षेत्र की नब्बे फीसदी मार्ग अवरूद्ध हो गए हैं।
उधर सडक़े बंद होने से गांव का दूध शहर तक नहीं पहुंच पाया। कुन्नू पंचायत के रोपी गांव में धर्म सिंह के घर आंगन में लगाई सुरक्षा दीवार ढह गई। यहां मकान को गिरने का खतरा बना हुआ है। परिवार ने सुरक्षित स्थान में पनाह ले ली है। नेशनल हाइवे पर टांडू के पास पहाड़ी भारी मात्रा में मलबा सडक़ पर आने से पूर्व विधायक शास्त्री दीना नाथ गौतम के मकान को खतरा बन गया।
उरला पंचायत के हियुण गांव में भोला राम का रिहायशी मकान जमींदोज हो गया। खतरा देख भोला राम ने रात को ही समीप के गांव हियुण में परिवार सहित पनाह ले ली है। उसका सारा समान घर के मलबे में दब गया है। कोटरोपि त्रासदी स्थल पर फिर से लैंड स्लाइड हुआ। यहां से हाइवे को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। कोटरोपि के समीप नीटू टायर पंक्च्चर की दुकान के समीप पहाड़ी का मलबा हाइवे पर निरंतर गिर रहा है।
हाइवे को बहाल होने के लिए रविवार तक इंतजार करना पड़ सकता है। हिमरी गंगा में पहाड़ी के टूटने से सडक़ का नामोनिशान नहीं बचा है। पधर डायनापार्क मार्ग को बहाल होने में लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। कोटरोपि- चुक्कू, उरला नौशा सडक़ वाहनों की आवाजाही के लिए पूर्ण रूप से बंद हो गई है। पाली के रूप लाल ने बताया कि पाली- चकनवाड़ सडक़ के पानी ने फिर से कहर बरपाया। पानी और कीचड़ लोगों के घरों के अंदर घुस गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा समस्या का समाधान न करने से गांव के लोगों को हर बरसात में आफत का सामना करना पड़ रहा है। डलाह के पत्यौण गांव में भारी भुस्खलन होने का समाचार है। गांव में काली दास शर्मा, गोपाल कृष्ण शर्मा के रिहायशी मकान खतरे की जद में आ गए हैं।
