मिलाप कौशल/खुंडिया
उपमंडल ज्वालामुखी के तहत गांव पंचायत सुरानी प्रधान बीरबल ने सरकार द्वारा जिला परिषद के अधिकारी व कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने और विभाग में विलय करने की मांग का समर्थन किया है ।
गांव पंचायत सुरानी के प्रधान बीरबल ने कहा कि कोबिड-19 की बजह से पहले ही पंचायतों के विकाश कार्य ठप पडे हैं। सरकार इन कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं करती है तो यह हड़ताल पर चले जाएंगे जिसका पंचायत के विकास कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। बीरबल ने कहा कि यह कर्मचारी कई वर्षों से विभिन्न पंचायतों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और पंचायत के पदाधिकारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सरकारी योजनाओं को धरातल तक पहुंचा रहे हैं सरकार की ओर से समय समय पर विभागीय कर्मचारियों को वित्तीय लाभ दिए जाते हैं जिनमें यह कर्मचारी बंचित रह जाते है मांग को जायज ठहराते हुए उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इन कर्मचारियों को विभाग में विलय करने के साथ-साथ उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए नहीं तो कर्मचारी एवं अधिकारी संघ ने जल्द ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की बात कही है इसमें जिसमें देहरा की 79 पंचायतों में विकास कार्य ही नही होगा बल्कि समूचे हिमाचल भर की पंचायतों में तमाम काम ठप हो जाएंगे जिससे आम लोगों को प्रमाण पत्रों के साथ-साथ अन्य दस्तावेजों को लेने में मुश्किल होगी तथा और भी कई तरह के कार्य प्रभावित हो जाएंगे उन्होंने कहा कि पहले ही कोबिड-19 के चलते पंचायतों में विकास कार्य प्रभावित हुए हैं अगर कर्मचारी हड़ताल चले जाते हैं तो पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर पहले जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी ।इन कर्मचारियों को नियमित करने पर सरकार पर कोई भी अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार उनकी इस मांग पर विचार कर लंबे समय से चली आ रही कर्मचारियों की मांग को पूरा करेगी।
आप सभी पंचायत प्रधानों से मेरा आग्रह है कि एक जुट होकर अपने अपने सचिव व तकनिकी सहायक व कनिष्ठ अभियंता का समर्थन करें।जिससे पंचायत के विकाश कार्य सही समय पर हो सके।
