मिलाप चंद कौशल/ज्वालामुखी
हिमाचल प्रदेश को भले ही शिक्षा के स्तर को पहले नंबर पर बताया जा रहा हो लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत और कुछ ही नजर आती है। ऐसा ही वाक्य देखने को मिला राजकीय प्राथमिक केंद्र पाठशाला टिहरी में यहां नर्सरी कक्षा से लेकर पांचवीं कक्षा तक कुल 130 बच्चों की संख्या है तथा इन बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र तीन अध्यापक ही हैं जबकि इन में से एक मुख्य शिक्षक है जिनको सरकारी गतिविधियों को लेकर शिक्षा खंड कार्यालय या अन्य कामों के लिए इधर-ऊधर जाना पड़ता है।
दो अध्यापक इन 130 बच्चों को पढ़ा रहे हैं। स्कूल प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राम कुमार का कहना है कि उन्होंने कई बार इस बात को शिक्षा खंड कार्यालय में भी अवगत करवाया है तथा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को भी लिखित में दिया है कि राजकीय प्राथमिक केंद्र पाठशाला टिहरी में अध्यापकों की कमी है लेकिन वावजूद इसके इस और किसी का भी ध्यान नहीं है। स्कूल प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राम कुमार सहित पूरी कमेटी ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प 1100 पर भी इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी पर वहां से आज तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। अभिभावकों का कहना है कि अगर सरकार व शिक्षा विभाग ने इस और अपना ध्यान केंद्रित नहीं किया और जल्द से जल्द राजकीय प्राथमिक केंद्र पाठशाला टिहरी को रिक्त पड़े तीन पदों पर अध्यापक नहीं दिए तो हम सभी अभिभावक अपने -अपने बच्चों को सरकारी स्कूल से निकाल कर दूसरा विकल्प देखेंगे। स्कूल प्रबंधक कमेटी व अभिभावकों ने सरकार व शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द अध्यापक मुहैया करवाने को कहा है।
