बिना चंद्रधर गुलेरी पर चर्चा के जिला भाषा विभाग ने मनाई जिला स्तरीय गुलेरी जयंती




अंकुश वशिष्ट/हरिपुर


बिना काव्य पाठ, न कोई कवि सम्मेलन और न ही गुलेरी जी पर कोई चर्चा कुछ इस तरह से जिला भाषा विभाग ने मनाई जिला स्तरीय गुलेरी जयंती। हद तो तब हो गई जब गुलेरी जयंती के उपलक्ष्य पर किए गए कार्यक्रम को ही दो भागों में बांट दिया गया और पहले भाग में एक किताब के विमोचन के दौरान गुलेरी जी को पुष्पांजलि तक नही दी गई।

हां दूसरे भाग में गलती को सुधारते हुए उपमंडलीय देहरा की उपस्थिति में गुलेरी जी की तस्वीर को पुष्प अर्पित किए गए। आए हुए लोगो को यह बात और भी अटपटी लगी कि जिला स्तरीय कार्यक्रम में पूरे कांगड़ा जिला से एक भी कवि या साहित्यकार को भाषा विभाग ने नही बुलाया था। इस कार्यक्रम में गुलेर के रहने बाले साहित्यकार डॉ प्रत्यूष गुलेरी ही उपस्थित थे लेकिन यह भी विडंबना ही रही कि उनको भी मंच से काव्य पाठ या गुलेरी जी पर शोध प्रकट करने के लिए नही कहा गया। इस पूरे कर्यक्रम के बाद लोगों में चर्चा रही कि अगर भाषा विभाग ऐसे कर्यक्रम करेगा तो आने बाली पीढ़ियों तक चंद्रधर शर्मा गुलेरी को कौन पहुंचाएगा। और तो और स्थानीय ग्रामीणों को भी इस कार्यक्रम की पूरी जानकारी नहीं थी।

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