
जिला बिलासपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मोरसिंधी गांव मसधाण के जवान हवलदार क्लार्क राजकुमार वरिष्ठ ने वीरता से लड़ते हुए शहादत का जाम पिया था।
युद्ध में 11 जुलाई 1999 को सुबह शहीद हवलदार क्लार्क राजकुमार वरिष्ठ ने कारगिल के बटालिक सेक्टर के धनासक क्षेत्र में दुश्मनों की भारी गोलीबारी व तोपखानों के बौछारों के बीच जान की परवाह न करते हुए अपने साथियों तक हथियार व गोले पहुंचाए थे।
हथियारों की कमी न होने के कारण ही हिंद सेना यहां से दुश्मनों को खदेड़ने में सफल हुई थी।
राजकुमार जानते थे कि साथियों तक यदि गोले व हथियार नहीं पहुंचे तो यहां पर जीत हासिल करना कितना मुश्किल होगा।
उन्होंने हथियार व गोले की सप्लाई भारी गोलीबारी के बीच भी थमने नहीं दी।
इस दौरान उनको अपवत्थॅ स्वलिन्टर गोला सीने और पेट पर लगा।
इससे वह बुरी तरह से घायल होकर वीरगति को प्राप्त हो गए थे।
राजकुमार के अदम्य साहस के लिए भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरांत ब्रेवस्ट ऑफ दि ब्रेव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हवलदार क्लार्क राजकुमार वरिष्ठ की बहादुरी की बदौलत हिंद सेना ने यहां पर परचम लहराया था।
राजकुमार ने इस पोस्ट पर वीरता की नई इबारत लिखकर दुश्मनों को भी दांतों तले अंगुलिया दबाने को मजबूर कर दिया था। शहीद राजकुमार की वीरता की लिखी
नई इबारत 23 साल बाद भी लोगों की जुबां पर तरोताजा हैं।
शहीद राजकुमार वरिष्ठ का जन्म 7 नवंबर 1965 को हुआ
माता विधा देवी व पिता शिवराम
के घर जन्मे राजकुमार को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था।
उन्होंने दसवीं कक्षा तक की पढ़ाई मोरसिंधी स्कूल में की।
उसके बाद उन्होंने घुमारवीं स्कूल में दाखिला लिया।
पढ़ाई पूरी करने के बाद राजकुमार 1985 में 22 ग्रेनेडियर में भर्ती हुए थे। कारगिल लड़ाई के दौरान उनकी पोस्टिंग बटालिक सेक्टर में की गईं।
आज दी श्रद्धांजली
ग्राम पंचायत मोरसिंधी गांव मसधाण के कारगिल युद्ध के
शहीद राजकुमार वरिष्ठ को उनके शहीदी दिवस 11 जुलाई को याद करते हुए श्रद्धासुमन अर्पित की जाएगी।
शहीद राजकुमार की माता विधा देवी, शहीद राजकुमार की पत्नी रक्षा देवी, बेटे राहुल विशिष्ट, रजत वशिष्ठ, रोबिन वशिष्ठ, भाई ओमप्रकाश वशिष्ठ,जगतपाल वशिष्ठ, प्रेम वशिष्ठ,सतीश वशिष्ट!
हवलदार क्लार्क राजकुमार वशिष्ठ के तीन बेटे हैं, एक बेटा रंजत वशिष्ठ छः साल का था,जब उसने अपने पिता को खो दिया था। उसने प्रण कर लिया था कि बड़ा होकर देश की सेवा करेंगा।
अपने सपनो को साकार करते हुए रंजत वशिष्ठ 2018 में सेना से भर्ती हुए, और आजकल लद्दाख में सेवाएं दे रहे हैं।