अंशुल शर्मा।सरकाघाट।
बाबा नागा की तपोभूमि प्राचीन शिव मंदिर सरकाघाट में चल रही श्रीमद्भागवत पुराण कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित भूषण विशाल मनी ने कथा का प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य को सर्वदा हरि भजन और सत्संग में लीन रहना चाहिए सत्संग मनुष्य को धन से नहीं बल्कि भक्ति के पुण्य मार्ग से प्राप्त होता है
उन्होंने भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि यह भागवत पुराणों का तिलक है और वैष्णो का परम धन है यह भागवत कथा मनुष्य का मृत्युभय दूर करती है।
मृत्यु से नहीं डरना चाहिए बुरे कर्मों से डरना चाहिए मृत्यु हमारी बहन है जिस गर्व से हम जन्म लेते हैं हमारे साथ-साथ मृत्यु भी जन्म ले लेती है उन्होंने भक्ति का वर्णन करते हुए कहा है कि भक्ति की सवारी दीनता है दिन बनकर ही हृदय में भक्ति का निवास होता है श्रद्धा और भक्ति वह नौका है जो जीव को भवसागर से पार करती है और अभिमान वह पत्थर है जो जीव को डुबो दिया करता है इस ज्ञान यज्ञ में सरकाघाट एवं आसपास के सैकड़ों भक्त कथा का रसपान कर रहे है।