गोविंदसागर झील में ही विदेशों की तर्ज पर बन सकती है सी प्लेन चलाए जाने की योजना
अंशुल शर्मा।ब्यूरो।बिलासपुर
विभावानी इंडिया हिमाचल चैप्टर की चेयरपर्सन एवं संपूर्ण संस्था की अध्यक्ष अनीता शर्मा ने प्रदेश सरकार से बिलासपुर में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए इसे मिनी गोवा के रूप में विकसित करने की मांग की है। जिससे जहां स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर विकसित होंगे वहीं ,इससे लोगों की आर्थिकी भी मजबूत होगी।
डा अनिता शर्मा ने कहा कि बिलासपुर शहर के आसपास खूबसूरत दर्श्यवलियां प्राकृतिक रूप विद्यमान हैं वहीं यहां पर बहुत से प्राचीन मंदिर होने से इसकी धार्मिक महत्ता भी बनी हुई है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में मौजूद मानव निर्मित सुंदर गोविंद सागर झील का नजारा शायद ही पूरे देश में कहीं और देखने को मिलेगा जिससे न केवल गोविन्दसगर के किनारों को मिनी गोवा का रूप दिया सकता है बल्कि यहां पर गोवा की ही तर्ज पर छोटे छोटे बीच बनाए जा सकते है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर की गोविंदसागर झील में ही विदेशों की तर्ज पर सी प्लेन चलाए जाने की भी योजना बनाई जा सकती है जिससे न केवल झील का आकर्षण बड़ेगा बलिक विदेशी पर्यटक भी यहां के लिए आकर्षित हो सकते हैं। क्योंकि मीलों तक लंबाई में फैली हुई गोविंदसागर झील इसके लिए उपयुक्त सिद्ध हो सकती है।
बिलासपुर में जल , स्थल व नभ्र से जुडी खेल गतिविधियां एक साथ संचालित हो सकती है। अनीता शर्मा ने कहा कि बिलासपुर जिस तरीके से विकास की रफ्तार पकड़ रहा है और फोरलेन हाइवे गोविंदसागर के किनारे से होकर गुजर रहा है ऐसे में कुल्लू मनाली की और जाने वाले हजारों पर्यटकों को रोकने के लिए और पर्यटन को विकसित करने की योजनाओं पर जोर देने की आवश्यकता है। जिससे की आसपास के राज्यों के लोग भी यहां पर आकर खूबसूरत पहाड़ों का आनंद उठाएं। उन्होंने बिलासपुर में एम्स जैसे बड़े अस्पताल बनने पर यहां पर भविष्य के लिए फाइव स्टार होटल और बड़े रिजार्टस बनाने की भी वकालत की है ।
अनीता शर्मा ने कहा कि ऐसे में अगर सरकार गोंविद सागर झील का नामकरण मिनी गोवा करके इसे पर्यटन के रूप मेें विकसित करें व इसका सौंदर्यकरण करे तो बिलासपुर जिला पर्यटन के रूप में विकसित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिलासपुर के प्राचीन मंदिरों बाबा बालक नाथ व श्री नयना देवी सहित अन्य मंदिरों का भी सौंदर्यकरण प्रदेश सरकार द्धारा किया जाए। उन्होंने सरकार एवं चुने हुए जनप्रतिनिधियों से यह भी आग्रह किया कि गोविंदसागर झील के दोनों किनारो पर स्थित लुहनु, ऋषिकेश, नाले नॉन व अन्य घाटों का भी सौंदर्यकरण करके इन्हें विकसित किया जाए।
