हरिपुर से लेकर ज्वाली संकरा है मार्ग तथा तीखे मोड़ लेते हैं ड्राइवरों का इम्तिहान ।
हर पल हादसे का दर बरसात में जगह जगह से बंद हो जाती है सड़क।
अंकुश वशिष्ट/हरिपुर
कई सरकारें आई और कई आकर चली गई और अब तो व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार आई है एक नया नारा ईजाद हुआ है व्यवस्था परिवर्तन अब लोगों को उम्मीद जगी है कि शायद अब पहले से कुछ बेहतर होगा। बात कर रहे हैं देहरा से जवाली सड़क की यह सड़क देहरा से लेकर हरिपुर तक सेंट्रल रोड फंड से प्राप्त लगभग ₹11 करोड़ से निर्मित हो चुकी है ।
जिसकी देहरा से लेकर हरिपुर तक लंबाई 18 किलोमीटर लगभग है। हरिपुर में भव्य बस अड्डा भी करोड़ों की लागत से बनकर तैयार हो चुका है लेकिन क्या अड्डा बना देने से ही इतिश्री कर ली जाएगी सड़कों के ऊपर ध्यान नहीं दिया जाएगा। हम यहां बात करने जा रहे हैं हरिपुर से आगे इसी सड़क को जवाली राजा का तालाब जसूर और पठानकोट से जोड़ने वाले इस मार्ग की जो देहरा को सीधे आगे पठानकोट से जोड़ता है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है की देहरा के विधायक ज्वाली के विधायक नूरपुर के विधायक तीन तीन विधानसभा क्षेत्रों को लाभ देने वाली इस सड़क के लिए आवाज उठाने वाला कोई भी हुकमारान नहीं है। जवाली के मौजूदा विधायक तो सरकार में मंत्री पद पर आसीन हैं उनकी बेरुखी भी इस सड़क के मामले मैं जगजाहिर है ।
हरिपुर में बस अड्डा बनने के बाद क्षेत्र में बसों की संख्या बढ़ी है जिसमें पठानकोट डिपो की बसें भी हरिपुर तक आ रही है और शायद अब आगे इंटरस्टेट बसें भी जहां तक पहुंचना शुरू हों लेकिन सड़क की बदहालत अगर ऐसी रहेगी तो इंटरस्टेट बसों की तो बात दूर की बात स्थानीय ऑपरेटर और एचआरटीसी की बसें चलाने से इस मार्ग के ऊपर गुरेज ही करेगा।
भले ही पोंग बांध को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं सरकार बना रही है लेकिन जब तक इस सड़क का विस्तारीकरण नहीं हुआ तब तक पर्यटन को पंख लगना भी संभव नहीं है।
हरिपुर से आगे नगरोटा सूरियां तक 12 किलोमीटर और नगरोटा सूरियां से आगे लगभग 25 किलोमीटर जवाली है और यह हरिपुर से लेकर ज्वाली तक 37 किलोमीटर सड़क तीखे मोड़ों से भरी है । संकरी होने के कारण बरसातों में अक्सर यह मार्ग जगह-जगह से बंद हो जाता है दुर्घटनाओं का अंदेशा बढ़ जाता है। और देहरा से पठानकोट जाने वाले तमाम वाहन और बसें इसी मार्ग से होकर गुजरते हैं लेकिन सरकार की नजरअंदाजी इस मार्ग के ऊपर इस कदर हावी हुई की आज दिन तक इस सड़क के विस्तारीकरण के लिए इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों के नुमाइंदों में से किसी ने भी आवाज नहीं उठाई। स्थानीय लोगों बुद्धिजीवियों ने कई बार सरकार के समक्ष मीडिया के माध्यम से यह बात रखी लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
जब इस बारे में स्थानीय विधायक व कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हरिपुर से लेकर जवाली तक सड़क को डबल करने की मांग काफी समय से चली आ रही है लेकिन इसमें दिक्कत यह है कि तत्कालीन सरकारों के टाइम में जब शराब के ठेकों को एनएच से हटाने की अधिसूचना जारी हुई थी। तब तत्कालीन सरकारों ने शराब के ठेकों को बचाने के लिए कई रोड़ों को मेजर डिस्टिक रोड बना दिया था ताकि शराब के ठेके यथावत ही खुले रहे जिसका खामियाजा के क्षेत्र की जनता आज भी भुगत रही है। मैं अपने स्तर पर विधानसभा में मांग उठाऊंगा कि किसी तरह से इस रोड को किसी अन्य प्राथमिकता में डालकर डबल किया जाए या मेजर डिस्टिक रोड से अपग्रेड करके एनएच में डाला जाए।
