आनंद सूद, हिमाचल प्रदेश
” कलिकाल में भगवान का नाम ही जीवन का आधार है ” उक्त वाक्य पंडित सुमित शास्त्री ने प्राचीन नरसिंह मन्दिर ठाकुरद्वारा सुनहेत में चल रही श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कहे । शास्त्री ने वर्णन करते हुए कहा कि ध्रुव भगवत प्राप्ति हेतु पांच वर्ष की छोटी आयु में ही घर से निकल पड़े।
आगे उन्हें नारद मिले जिन्होंने उनकी तीव्र लग्न देखकर नाम दान दे दिया । ध्रुव ने मधुवन में लगातार छह महीने तक भगवान के नाम को आधार मानकर ही जप किया और भगवत प्राप्ति कर ली।इसके बाद मुरूदगणो की कथा, भक्त प्रहलाद की कथा , बलि बामन चरित्र व श्रीकृष्ण भगवान के जन्म की कथा श्रवण करवाई ।
कथा में पंडित प्रमोद,महिंद्र सिंह,राजकुमारी,मोनू व रज्जू देवी ने भाग लिया । कल यहां गिरिराज भगवान का प्रसंग श्रवण करवाया जायेगा।
