किरण /पधर (मंडी)।
कृषि प्रसार विभाग पधर के सौजन्य से ग्राम पंचायत कुन्नू से साहल में कलस्टर स्तर पर किसान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में विभिन्न राजस्व मुहालों के करीब दो सो किसानों ने अपना पंजीकरण करवाया। पंजीकृत किसानों को विभाग की ओर से मुफ्त मौसमी बीज कीटें भी उपलब्ध करवाई गई। शिविर में कृषि और बागवानी विभाग की ओर से किसानों संयुक्त रूप से कृषि और बागवानी विषयों के बारे में महत्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी मुहैया करवाई गई।
कृषि विषयवाद विशेषज्ञ पधर डाक्टर पुर्ण चंद ने कहा कि समाज का हर वर्ग खेती से जुड़ा है। समय और क्षेत्र के अभाव में बहुत से लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है जो चिंता का विषय बनता जा रहा है। युवा पीढ़ी को खेती की ओर जागरूक करना समय की जरूरत बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि उन्नत खेती और बंपर पैदावार के लिए मिट्टी में उचित जलवायु का होना बहुत जरूरी है। इसके लिए किसानों को समय समय पर मृदा परीक्षण का लाभ विभाग से उठाना चाहिए। मृदा परीक्षण के लिए कलस्टर स्तर पर कृषि वैज्ञानिकों की टीम मिट्टी के सैंपल कुलेक्ट कर रही है। अमूमन किसानों की ओर से विभाग को शिकायतें आती है कि उन्होंने जिस फसल की बीजाई की वह रोग की चपेट में आने से नष्ट हो गई। उन्होंने कहा कि फसलों के बीमारी की चपेट में आने से किसानों द्वारा खेतों में की गई मेहनत से भी हाथ धोना पड़ता है।
मिट्टी परीक्षण से किसानों को सुविधा रहती है कि फसल बीजाई में उनके द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली भुमि की मिट्टी में किस तत्व की कमी है जो फसलों के नुकसान को बढ़ावा दे रही हैं। मिट्टी के अंदर ऐसे तत्वों की कमी को विभागीय वैज्ञानिकों की मद्द से समय पूर्व पूरा किया जा सकता है और किसान अपनी फसल से बंपर पैदावार ले सकते हैं। शिविर में लोगों को दोनों विभागों की ओर से संचालित कलस्टर स्कीमों के बारे में विस्तार से जानकारियां दी गई। डाक्टर पुर्ण चंद ने कहा कि दोनों विभागों के माध्यम से अधिकांश स्कीमों पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है।
अनुदान का लाभ समय पर हर किसानों को मिले और इसमें बजट बाधा न बने इसके लिए किसान ऑन लाइन बेबसाइट पर अपना आवेदन कर सकते हैं और समय पर विभागों के माध्यम से अपनी जरूतों को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन में कई परंपरागत फसलें विलुप्त होती जा रही है, जो मनुष्य के स्वास्थ्य को लेकर चिंता का विषय बनती जा रहा है। इसका महत्वपूर्ण कारण मिट्टी के भीतर पोषक तत्वों का न होना भी है। ऐसी फसलों के संरक्षण और संवर्धन में किसानों को जागरूक होकर आगे आना चाहिए।
किसानों को उन्नत खेती और बंपर पैदावार के लिए अपनी सोच मृदा परीक्षण की ओर बदलनी चाहिए जिसमें उनकी तमाम शिकायतों का निवारण है। उद्यान प्रसार अधिकारी पधर कविता शर्मा ने शिविर में विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं के बारे में किसानों को जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि फसलों के साथ किसान अपने खेतों में फलदार पौधे रोपकर अपनी आर्थिकी को मजबूत बना सकते हैं। जनवरी महीने तक पौधरोपण के लिए किसान अपनी डिमांड विभाग के पास दे सकते हैं। विभाग किसानों की जरूरतों को उनके घर द्वार पर पूरी करेगा। शिविर में डाक्टर सोनम ठाकुर, डाक्टर दीक्षा ठाकुर और एडीओ प्रकाश चंद उप प्रधान अविनाश ने भी किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी उपलब्ध करवाई।