अंशुल शर्मा।घुमारवीं।
हिमाचल प्रदेश के ऊपरी जिलों में गुच्छी मिलना कोई हैरानी की बात नहीं है लेकिन अक्सर ये देखा गया है कि पिछले चार पांच सालों से बिलासपुर हमीरपुर जैसे गर्म इलाकों में भी पाई जा रही है यह इतनी ज्यादा तो नहीं होती पर इसका मिलना इस बात का प्रमाण है कि यहां भी इस गुच्छी की पैदावार को बढ़ावा दिया जा सकता है। अगर सरकार और कृषि विभाग इसपर कुछ और शोध करे कुछ साल पहले राजकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय घुमारवीं में घास की सफाई के दौरान वहां पर लगे गोरखो को यह गुच्छी मिली है जब वह अपनी जमीन में घास का काम कर रहे थे ।अनिल ठाकुर और उनकी पत्नी अध्यापक है घुमारवीं उपमंडल की ग्राम पंचायत लैहडी सरेल के गांव जोल बाहल के रहने वाले अनिल ठाकुर ने इसकी तस्वीर अपने अकाउंट पर शेयर की है आपको बताते चलें कि हिमाचल प्रदेश में पैदा होने वाली गुछी की कीमत कम नहीं बल्कि हजारों में होती है तो खाने में लजीज और और बहुत सी बीमारियों का इलाज है।
