दो साल बाद होगा आयोजन
न्यूज़ हिमाचल24 कुल्लु
कुल्लू का सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय लोक नृत्य उत्सव दशहरा इस वर्ष 5 से 11 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। यह जानकारी शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने दी।
उन्होंने कहा कि बीते दो सालों तक दशहरा पर्व कोरोना महामारी के चलते केवल प्रतीकात्मक तौर पर ही मनाया जा सका, लेकिन इस बार दशहरा का आयोजन बड़े पैमाने पर और हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाएगा।
गोविंद ठाकुर ने जिला प्रशासन से दशहरा उत्सव को मनाने के लिए तैयारियां शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि ‘स्मारिका’ उत्सव की शान होती है जो उत्सव की स्मृतियों को संजोकर रखने का कार्य करती है। इसे एक नये स्वरूप में प्रकाशित किया जाएगा। स्मारिका में नवोदित लेखकों व इतिहासकारों के लेख शामिल किए जाएंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक संध्याएं दो साल बाद आयोजित की जाएंगी। सभी संध्याएं आकर्षक और शानदार होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद व दूतावासों के माध्यम से आमंत्रित करने के लिये अभी से पत्राचार मांगे।
उन्होंने कहा कि उत्सव में स्थानीय कलाकारों को अवसर प्रदान करना उत्सव समिति का दायित्व है। इसके लिये स्थानीय कलाकारों की छंटनी का कार्य करने के लिये एक समिति का गठन किया जाए और ऑडिशन के माध्यम से ही कलाकार मंच पर जाएं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम अच्छे स्तर के होने चाहिए।
मंत्री ने कहा कि कुल्लू शहर में सड़कों, बिजली और पेयजल लाईनों की मरम्मत, सफाई व्यवस्था, ढालपुर मैदान और देवी-देवताओं के अस्थायी स्थलों के सौंदर्यीकरण के कार्य सितंबर में ही पूरे हो जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि दशहरा उत्सव के लिए जिला के देवी-देवताओं को आयोजन समिति की ओर निमंत्रण पत्र भेजे जाएं।
उन्होंनेे कहा कि देवी-देवता ही कुल्लू के दशहरा उत्सव की शान हैं। देवी-देवताओं और इनके साथ आने वाले देवलुओं को आयोजन समिति की ओर से सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि इन सुविधाओं में किसी प्रकार की कमी नहीं होनी चाहिए। इसके लिए अलग से समिति का गठन किया जाए।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि मेला स्थल पर प्लाट आबंटन 25 सितंबर से पूर्व आरंभ कर दिया जाएगा और आबंटन प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। मेला स्थल पर किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे।
अग्निशमन विभाग के मानकों के अनुसार ही दुकानें और अन्य स्टॉल लगाने की अनुमति प्रदान की जाएगी। सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला स्थल पर पर्याप्त कूड़ेदान और अस्थायी शौचालय स्थापित किए जाएंगे तथा नगर परिषद के माध्यम से अतिरिक्त सफाई कर्मी तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा तथा यातायात प्रबंधों को लेकर जिला पुलिस एक व्यापक प्लान तैयार करेगी तथा शहर में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे।